मेरी आँखों में आँसू हैं,
तेरा हर वक्त मशगूल रहने से, बहुत बेचैन रहते हैं हम,
एक वक्त था, हर वक्त पास रहते थे, साथ रहते थे,
तेरे पहलु में सो करके, सुनहरे खवाब बुनते थे…2
अब तो तेरी आहात को भी तरसते हैं हम ||
तेरा हर वक्त मशगूल रहने से, बहुत बेचैन रहते हैं हम ||
जिसे कानो के झुमके, और रंग कपड़ो का याद रहता था,
कब कौन सा मुझपे जचता हैं, सब पता होता था…2
अब तो अच्छे ही नहीं लगते, चाहे कितना भी, त्यार होते हैं हम ||
तेरा हर वक्त मशगूल रहने से, बहुत बेचैन रहते हैं हम ||
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ना हम आगे चलते थे, न तुम पीछे चलते थे,
जब थाम कर हाथो को हम साथ चलते थे,
अब साथ होकर भी, साथ नहीं हैं हम,….2
किसी में खोये हुए हो तुम , तुममे खोये हुए हैं हम ||
तेरा हर वक्त मशगूल रहने से, बहुत बेचैन रहते हैं हम ||
तेरे होठो से जब गैरो की तारीफ सुनते हैं,
इश्क़ के आग में, मेरे दिल के टुकड़े पिघलते हैं,
मुझको याद आता हैं तेरा, मेरे इश्क़ में डूबा रहना…..2
वो फुरकत हुआ पुराना, जब तेरे दिल में धड़कते थे हम ||
तेरा हर वक्त मशगूल रहने से, बहुत बेचैन रहते हैं हम,
चलो अब दूर जाकर के, एक दूजे को भूल जाते हैं,
जो दोनों को मुबारक हो, एक नई दुनिया बसाते हैं ,
मुझे तकलीफ हो रही , क्या दिल तेरा भी दुखता हैं……2
अगर नहीं, तो तेरे जाने से ही खुश हैं हम ||
तेरा हर वक्त मशगूल रहने से, बहुत बेचैन रहते हैं हम ||