उनके गुस्से में फ़िक्र छुपी होती हैं,
उनके आंखों में प्यार छुपा होता हैं,
ना ज्यादा जताते हैं , ना ज्यादा बताते हैं,
लेकिन प्यार बेशुमार करते हैं पापा।
जब शर्ट गिफ्ट दिया, तो बोले इसकी ज़रूरत नहीं ,
बेकार में पैसे की बर्बादी हैं,
जब जैकेट गिफ्ट दिया, तो कहा
महंगा बहुत हैं मैं इससे सस्ते में लाता,
लेकिन ज्यादा वही शर्ट और जैकेट पहन के जाते हैं पापा
ना ज्यादा जताते हैं , ना ज्यादा बताते हैं,
लेकिन प्यार बेशुमार करते हैं पापा।
थक कर भी थकते नहीं, दर्द में भी रुकते नहीं,
हर दिन एक नई कोसिस, हर पल की जिम्मेदारी
ना जाने इतनी हिम्मत कहा से लाते हैं पापा
ना ज्यादा जताते हैं , ना ज्यादा बताते हैं,
लेकिन प्यार बेशुमार करते हैं पापा। ।
उनकी जिम्म्मेदारिया तो शायद कभी समझ ही नहीं पाती,
अगर मैं जॉब ना करती,
कितना मेहनत का काम होता हैं पैसे कमाना,
ना जाने कितनी मुश्किल से पैसे कमाते हैं पापा
ना ज्यादा जताते हैं , ना ज्यादा बताते हैं,
लेकिन प्यार बेशुमार करते हैं पापा।
By-Harshita Srivastava